अख़बारों की तरह टीवी ने भी बायलाइन की मर्यादाएं कभी तय नहीं कीं, न न्यूज़ ब्राडकास्टिंग एसोसिएशन ने खुद कीं, न प्रेस कौंसिल को ही कोई मतलब था…
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टेलिविज़न की बायलाइन
एंकरों की जानकारी या संकरी सोच ?
जगमोहन फुटेला / टीवी पत्रकारिता में खासकर एंकरों की जानकारी कितनी सतही है कल रात नौ बजे एनडीटीवी इंडिया पे प्रसारित कार्यक्रम इस की बानगी है. कार्यक्रम छतीसगढ़ नरसंहार पे था और उस में प्रो. हिमांशु कुमार और राहुल पंडिता के अलावा बाकी सब जैसे पार्टियों के प्रवक्ता थे. सच पूछिए …
वो भी पत्रकार कहाने लगे हैं..
जगमोहन फुटेला/ दराती के एक तरफ धार होती है, ब्लेड के दो तरफ, मगर मीडिया के हर तरफ. कल तक पानी पी पी के मोदी को सांप्रदायिक बताने वाला मीडिया अब इस गम में मरा जा रहा है कि कल मोदी ने हरिद्वार में खुद को सब का ख्याल रखने वाला क्यों कह दिया...अब वो कह रहा है-मोदी ने हिंदुओं के स…
फर्जीवाड़े का चैनल
108 % !
जगमोहन फुटेला/ आज तक कभी किसी भी देशी विदेशी असली या नकली टीवी चैनल में किसी भी लड़के या लड़की को आड़ी लाइनों वाली कमीज़ या टी शर्ट पहने के खबरें पढ़ते देखा है आपने? ...नहीं देखा होगा. इस लिए क्योंकि टीवी में आड़ी स्ट्राइप वाले कपड़े वर्जित हैं. लेकिन ये फंडा कोका कोला के प…
नकली पंजाबी ! (2)
जगमोहन फुटेला/ अख़बार केडी का चला नहीं, अख़बार से किसी भी कारोबारी को जिस तरह की सुरक्षा चाहिए होती है वो मिली नहीं तो सोचा चलो राजनीति ही कर लें। कोई चुनाव लड़ के कहीं का कोई एमएलए क्या पंच सरपंच हो सकने की हिम्मत थी नहीं। वैसे भी वो रास्ता बहुत लंबा है। उन्होंने राजनीति म…
नकली पंजाबी !
वे एक अंग्रेजी अख़बार की फ्रेंचाइज़ी ले आए और वो अख़बार खुद छाप के खुद ही पढ़ते रहे
जगमोहन फुटेला /सुना है केडी सिंह के अंदर कोई पंजाबी जाग गया…