नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने कहा है कि अर्थव्यवस्था की मंदी को और बढने से रोकने के लिए और सुधारों की जरूरत है। आज नई दिल्ली में आर्थिक सम्पादकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि देश की अर्थव्यवस्था को राजकोषीय, राजस्व और चालू खाता घाटा बढ़ने से नुकसान हो रहा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि वित्तीय सुधारों के न होने पर देश की अर्थव्यवस्था के सामने मौजूदा मंदी की स्थिति का खतरा बना रहेगा। उन्होंने ने यह घोषणा की कि सरकार इस वर्ष से अगले पांच वर्षों के लिए समुचित वित्तीय सुधार लागू करती रहेगी। उन्होंने बताया कि केलकर समिति ने बहुत खराब आर्थिक स्थिति की बात कही है और मुद्रास्फीति, खासतौर पर खाद्य मुद्रास्फीति को रोकने के लिए सभी संभव उपाय किये जायेंगे। श्री चिदम्बरम के अनुसार सरकार का दृढ़ विश्वास है कि आर्थिक वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए राजकोषीय और मौद्रिक नीति के बीच तालमेल होना चाहिए।
वित्तमंत्री ने कहा कि खुदरा और बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश - एफडीआई से घबराने की जरूरत नहीं है। एफडीआई का ग्रामीण बाजारों और यहां तक कि छोटे शहरों पर भी कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। रिटेल क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की नीति बिल्कुल साफ है। मल्टी ब्रॉण्ड खुदरा व्यापार में एफडीआई केवल उन शहरों में लागू होगा, जिनकी आबादी दस लाख या उससे ज्यादा है।
राज्यों में सरकार चाहे तो इसे लागू कर सकती है। रसोई गैस के मुद्दे की चर्चा करते हुए श्री चिदम्बरम ने कहा कि एलपीजी के मूल्य इसके उत्पादकों द्वारा विभिन्न कारकों को ध्यान में रखकर तय किए जाते है और इन्हें निर्धारित करने में सरकार की कोई भूमिका नहीं है। एलपीजी सिलेण्डर की कीमत करीब आठ सौ रूपये है। हम कीमत तय नहीं करत। एलपीजी कंपनियां कीमतें तय करती हैं, जिसमें फिलिंग खर्च, सिलेण्डर की कीमत और ढुलाई खर्च शामिल हैं। लोग सिलेण्डरों की कीमत का केवल आधा ही चुका रहे हैं। सरकार सब्सिडी देकर बाकी आधी कीमत दे रही है। सरकार का इसकी कीमत पर कोई नियंत्रण नहीं है।
वहीं, केन्द्रीय सूचना एवं प्राद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा है कि बिहार के नक्सल प्रभावित औरंगाबाद, गया समेत अन्य जिलों में उग्रवादियों द्वारा उड़ाये गये मोबाइल टावरों को फिर से स्थापित किया जायेगा। इसके लिए दूरसंचार विभाग के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये गये है।
श्री सिब्बल ने यह जानकारी सोमवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा नयी दिल्ली में आयोजित आर्थिक सम्पादकों के सम्मेलन के दौरान बिहार का प्रतिनिधित्व कर रहे कमल किशोर द्वारा पूछे गये एक सवाल का उत्तर देते हुए दी।
कपिल सिब्बल ने कहा कि उग्रवादियों द्वारा मोबाइल टावरों को ध्वस्त किये जाने के बाद नक्सल प्रभावित क्षेत्र में रहनेवाले ग्रामीणों को हो रही परेशानी को सरकार ने गंभीरता से लिया है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए सरकार ने ध्वस्त टावरों के स्थान पर नया टावर स्थापित कर भंग संचार व्यवस्था को शीघ्र ही बहाल किया जायेगा ताकि ग्रामीणों को किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में केन्द्रीय मंत्री ने स्वीकार किया कि औरंगाबाद समेत अन्य जिलों में लैण्ड लाइन की स्थिति ठीक नहीं है। लैंड लाइन की स्थिति ठीक नहीं रहने से सरकार को राजस्व की क्षति तो हो ही रही है साथ ही लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि आवश्यकता के अनुसार संसाधन उपलब्ध नहीं कराये जाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। हालांकि श्री सिब्बल ने कहा कि संचार व्यवस्था को दुरूस्त के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है।