Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

उपयोगिता समाप्ति के बाद छापे जा रहे हैं सरकारी विज्ञापन

संजय कुमार /बिहार शरीफ/ केंद्र एवं राज्य सरकार अपनी उपलब्धियों तथा सरकारी कार्यक्रमों की जानकारी अखबार के द्वारा लोगों को देने हेतु विज्ञापन जारी करती है, ताकि कार्यक्रम में अधिक लोगों की सहभागिता हो सके .परंतु ,सरकार द्वारा जारी विज्ञापन कार्यक्रम की समाप्ति के बाद छापे जा रहे हैं. उपयोगिता विहीन विज्ञापनों का सरकार द्वारा भुगतान भी कर दिया जाता है. जिससे आम जनों का टैक्स के रूप में वसूली गई राशि का दुरुपयोग भी हो रहा है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार दैनिक- हिंदुस्तान, पटना के मगध संस्करण ने दिनांक 6 अप्रैल 2018 को पेज संख्या 9 पर डी.ए.बी.पी.३८१०१/१३/०००१/१८१९ द्वारा आधे पेज का जारी विज्ञापन छपा है, जिसमें कहा गया है कि समता दिवस 5 अप्रैल 2018 को बाबू जगजीवन राम को उनके जन्मदिन पर शत शत नमन. कार्यक्रम स्थल समता स्थल राजघाट के सामने, नई दिल्ली.  श्रद्धांजलि प्रातः 7: 30 बजे. विज्ञापन बाबू जगजीवन राम राष्ट्रीय  प्रतिष्ठान सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय ,भारत सरकार द्वारा जारी किया गया है.

दैनिक- हिंदुस्तान द्वारा ही 6 अप्रैल 2018 को पटना के मगध संस्करण ,बिजनेस पेज नंबर 14 पर, राज्य  सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी विज्ञापन संख्या पी.आर  न .०१२८(कलक्टृटे) २०१८-१९ छपा है. निवेदन के रूप में आयुक्त, पटना प्रमंडल, पटना ,प्रधान सचिव,  मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग, बिहार ,पटना तथा जिलाधिकारी ,पटना है . विज्ञापन में आम लोगों को सूचना दी गई है कि दिनांक -5 अप्रैल, २०१८ को पूर्वाहन 9.30 बजे सर्कुलर रोड, अन्ने मार्ग एवं कौटिल्य मार्ग पटना के चौराहे पर अवस्थित प्रतिमा स्थल पर, स्वर्गीय जगजीवन राम के जन्म दिवस के अवसर पर आयोजित राजकीय समारोह में श्री नीतीश कुमार, माननीय मुख्यमंत्री, बिहार एवं गणमान्य व्यक्तियों द्वारा माल्यार्पण किया जाएगा . इस अवसर पर आप सादर आमंत्रित हैं.

आखिर क्यों जनता से टैक्स के रूप में वसूली गई राशि को उपयोगिता विहीन छपे विज्ञापन का भुगतान ,केंद्र एवं राज्य सरकार करती है.

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना