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____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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पटना पुस्तक मेला शुरू

15 दिसंबर तक चलेगा

साकिब ज़िया / पटना। साहित्य, कला और संस्कृति के ज्ञान का महाकुंभ एक बार फिर राजधानी में आयोजित किया गया है। सेन्टर फॉर रीडरशिप डेवलपमेंट "सीआरडी" की ओर से आयोजित किया जाने वाला पटना पुस्तक मेला का आज उद्घाटन हुआ। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में 22वां पटना पुस्तक मेला का उद्घाटन पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर पद्मश्री उषा किरण खान, सेवानिवृत्त न्यायाधीश राजेंद्र प्रसाद, डाक विभाग के निदेशक परिमल सिन्हा और पटना पुस्तक मेला के अध्यक्ष एच. एन. गुलाटी मौजूद थे। यह मेला 15 दिसंबर तक  चलेगा। इस बार के मेला का थीम है "पढेगा बिहार- बढेगा बिहार" । इस बार पुस्तक मेला में लगभग दो सौ से अधिक प्रकाशक भाग ले रहे हैं । 

कार्यक्रमों की श्रृंखला में जनसंवाद, सृजन बिहार, बाल पाल, बाल नुक्कड़, कहवा घर, कॉफी हाउस, मुशायरा नयी सदी की कविताई, मेड इन इंडिया जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। सृजन बिहार कार्यक्रम में विषय और विशेषज्ञ दोनों ही "बिहार" 
है। स्टार गुप के सीईओ उदय शंकर, इंडिया टीवी के संपादक अजीत अंजुम, एबीपी के एडीटर शाजी जमा, लेखिका गीताश्री, पद्मश्री उषाकिरण खान, रंगकर्मी अनीश अंकुर जैसे 
बिहार की माटी से जुड़े चर्चित नाम शामिल रहेंगे। इसके अलावा जनसंवाद कार्यक्रम के अंतर्गत वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई और द हिन्दू की सहायक संपादक निस्तुला हेब्वर भी इस मेला में आकर्षण का केंद्र रहेंगे। कहवा घर कार्यक्रम में चर्चित लेखक आलोचक नंदकिशोर नवल के साथ बातचीत रखी गई है। वहीं कॉफ़ी हाउस के अंतर्गत दैनिक हिंदुस्तान के प्रधान संपादक शशि शेखर के साथ बातचीत करेंगे लाइव इंडिया न्यूज़ चैनल के मैनेजिंग एडीटर संजीव पालीवाल। पटना पुस्तक मेला में "मेड इन इंडिया" कला दीर्घा को एक नये विचार और नये स्वरूप में राष्ट्रीय स्तर का किया गया है। यहां देश के बारह कलाकार अपनी कलाकृतियों को प्रदर्शित कर रहे हैं। इस बार का एक और खास आकर्षण ड्रिफ्टवुड आर्ट है। इसके कलाकार प्राणतोष कुमार दास का मानना है कि राज्य के लोगों के लिए इस कला को देखने का अनुभव अकल्पनीय और अनुपम रहेगा।

इसके अलावा साहित्य, पत्रकारिता, रंगकर्म और कला के क्षेत्र में बेहतर योगदान देने वाले बिहार के लोगों को भी पिछले वर्षों की तरह ही इस साल अंतिम दिन यानी 15दिसंबर को विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इस बार मेला परिसर में बने विभिन्न भवन, मंच और ब्लॉक, बिहार- झारखंड की नदियों के नाम पर रखे गए हैं। आज ही 'पटना पुस्तक मेला' के नाम पर डाक विभाग ने 30 रुपये का लिफाफा भी जारी किया गया। मेला में प्रवेश शुल्क प्रति व्यक्ति 10 रुपये रखा गया है। जबकि कॉलेजों, स्कूलों और दूसरे शिक्षण संस्थानों के छात्र- छात्राओं के लिए प्रवेश में कई तरह के छूट दिये गये हैं।

उद्घाटन समारोह का संचालन सीआरडी के अध्यक्ष रत्नेशवर ने किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में लेखक, शिक्षा जगत के लोग और पुस्तक प्रेमी भी मौजूद रहे।

साकिब ज़िया, मीडियामोरचा के ब्यूरो चीफ हैं

 

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सम्पादक

डॉ. लीना