रमणिका गुप्ता की आत्मकथा “आपहुदरी” पटना के पत्रकार वीरेंद्र कुमार यादव की नजर से
हिन्दी की लेखिका और बिहार विधान मंडल की पूर्व सदस्य रमणिका गुप्ता की अपनी संघर…
रमणिका गुप्ता की आत्मकथा “आपहुदरी” पटना के पत्रकार वीरेंद्र कुमार यादव की नजर से
हिन्दी की लेखिका और बिहार विधान मंडल की पूर्व सदस्य रमणिका गुप्ता की अपनी संघर…
'रेत पर लिखी इबारतें (जाबिर हुसेन का रचना-कर्म) और 'कोलाहल में शब्दों की लय' (जाबिर हुसेन की क़लम) पुस्तकों की समीक्षा
…कविता संग्रह- 'राजधानी में एक उज़बेक लड़की' की समीक्षा
समीक्षक- शहंशाह आलम/ कविता सड़ रहे समय के सबसे अधिक विरुद्ध रहती है। यह किसी भी कवि-समय के लिए सुखद होता है, जब उस कवि की कवि…
मैं भारत हूँ’ युवा पत्रकार और लेखक लोकेन्द्र सिंह की प्रथम काव्यकृति है
गिरिजा कुलश्रेष्ठ। ‘मैं भारत हूँ’ युवा पत्रकार और लेखक लोकेन्द्र सि…
लोकेन्द्र सिंह/ भारतीय जनता पार्टी के प्रति समाज में जो कुछ भी आदर का भाव है और अन्य राजनीतिक दलों से भाजपा जिस तरह अलग दिखती है, उसके पीछे महामानव पंडित दीनदयाल उपाध्याय की तपस्या है। दीनदयालजी के व्यक्तित्व, चिंतन, त्याग और तप का ही प्रतिफल है कि आज भारतीय जनता पार्ट…
एक ऐसा दस्तावेज जो वर्ण,जाति व धार्मिक व्यवस्था की पोल खोलता दिखता है और उनके खान-पान को रेखांकित करता है
पुस्तक समीक्षा / सं…
समीक्षा/ बी.पी. गौतम /प्रकाश हिन्दुस्तानी, यह नाम स्वयं ही एक ब्रांड है। अपने लेखन के चलते पत्रकारिता जगत में बहुचर्चित प्रकाश हिन्दुस्तानी का नाम व चेहरा हर पाठक पहचानता है, उनके बारे में जितनी अधिक बात की जाये, उतनी कम ही रहेगी, इसलिए पिछले दिनों उनके द्वारा लिखी गई…
पत्रकार संजय द्विवेदी की पुस्तक है 'मोदी लाइव'
लोकेन्द्र सिंह / सोलहवीं लोकसभा का आम चुनाव अपने आप में अनोखा था। भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में यह पहला मामला था जब समस्त राजनीतिक दल सत्ताधारी पार्टी…
पुस्तक समीक्षा/ एम. अफसर खां सागर/ ‘आवाज़-ए-ज़मीर’ हुकम सिंह ‘ज़मीर’ के 103 गजलों का संग्रह है। ज़मीर साहब पुलिस विभाग में उच्च पद पर रहते हुए भी इंसानी जिन्दगी के हर पहलू पर बड़े ही फलसफाना अंदाज में शेर कहें हैं। पुलिस सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक,…
एम. अफसर खां सागर /कमसारनामा में सुहैल खां ने गाजीपुर के संक्षिप्त इतिहास के साथ-साथ सकरवार वंश के क्रम में यहां के भूमिहार ब्राहमणों, कमसार के पठानों और राजपूतों की चार सौ अस्सी साल के वंशावली तथा इतिहास को संकलित करने का अनूठा काम किया है। सुहैल खां ने प्रस्तुत पुस्तक मे…
व्यवहारिक पत्रकारिता पर ज्यादा जोर
अखबारी पत्रकारिता पर अनेक किताबें बाजार में हैं। इन्हीं में एक किताब और जुड़ गई है- "पत्रकारिता में अपना कैरियर बनाइए"। यह बाकी से इस मायने में अलग है कि इसमें सिद्धांत पर कम अख़बारों की व्यावहारिक पत्रकारि…
लेखकों और समकालीन लेखन परिदृश्य को समझें -पहचानने का अवसर
कनक जैन / हिन्दी में साक्षात्कार पुरानी किन्तु उपेक्षित विधा है। साक्षात्कार आम तौर पर राजनेताओं और फ़िल्मी अभिनेताओं के ही छपते हैं। …
सोशल नेटवर्किंग पर केंद्रित संजय द्विवेदी द्वारा संपादित एक नई किताब बाजार में आ गयी है। इसे दिल्ली के यश पब्लिकेशंस ने छापा है। …
एम. अफसर खान / ‘फूल, तितलियां, सपने और सीख’ एम. एन. सिन्हा ‘मुकुल’ की पहली कविता संग्रह है।
कुल छत्तीस कविताओं का यह संग्रह सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक और पारिवारि…
एम. अफसर खां सागर / ‘शब्द की हिमशिला अब पिघलने लगी’ अमरनाथ राय की तीसरी कविता संग्रह है। यह संग्रह सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक और पारिवारिक समेत अन्य तमाम विद्रुपताओं के सरोकारों को परिलक्षित करता है। वक्त के बदलते मिजाज के साथ सब कुछ रेत की मानिन्द हाथ से फिसल जाता है अगर कु…
डॉ. लीना