विनीत कुमार। एक ही मीडिया संस्थान ने अलग-अलग नाम से इतनी दूकान खोल ली है और उसमें एक ही रिपोर्टर के उपर माल भरने की जिम्मेदारी आ गयी है कि आप यदि रिपोर्टर और उसके मीडिया संस्थान की दूकान में बैठे मीडियाकर्मियों की बात पर ग़ौर करें तो पाएंगे फील्ड में गए रिपोर्टर पर महज रिपोर्ट जुटाने की नहीं बल्कि अपने संस्थान के एक-एक करके सभी दूकानों में बैठे मीडियाकर्मियों की फ़रमाईशें पूरी करनी है.
अभी ऐसे ही नज़ारे से गुज़रना हुआ. देश के एक बड़े नेटवर्क की रिपोर्टर फील्ड में है. ऑफिस में उस संस्थान के अलग-अलग दूकान के मीडियाकर्मी उनसे एक-एक करके जवाब मांग रहे हैं और अंत में सभी एक साथ बोलते हैं- अब आख़िरी एक सवाल और, मेरी तरफ से एक सवाल और ? रिपोर्टर अपनी झल्लाहट छिपाती हुई अपनी तरफ से पूरी तरह सहज होने की कोशिश करते हुए जवाब देती हैं- ठीक है, एक-एक करके आप सबको आख़िरी सवाल का जवाब देती हूं.
मैं जब ये सब देख रहा था लगा ये नज़ारा कुछ ऐसा ही है कि डाइनिंग टेबल पर एक साथ कई पुरुष बैठे हों और भीतर रसोई में एक स्त्री पूरियां तलने के काम में लगी हों. इसी में किसी को मिर्च का अचार चाहिए, किसी को केले-सोंढवाली चटनी, किसी को थोड़ी सब्जी तो किसी को दो और पूरियां.
ऐसे नज़ारे देखकर साफ़ हो जाता है कि मीडिया संस्थान ने जिस अनुपात में अपनी अलग-अलग दूकानें सजायी हैं, उस अनुपात में मीडियाकर्मियों को नहीं रखा है. एक ही मीडियाकर्मी एक ही साथ अंग्रेजी-हिन्दी के टीवी चैनल, डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया लाइव के लिए काम में लगा है. जाहिर सी बात है कि उन्हें एक ही साथ पांच रिपोर्टर का काम अकेले करने के ज़्यादा पैसे मिलते होंगे लेकिन पांच लोगों जितनी सैलरी मिलती होगी, इसमें शक़ है.
रिपोर्टर जितना समय ख़बर करने में लगाए, उससे तो कहीं ज़्यादा एक ही संस्थान के अलग-अलग कई दूकानों पर बैठे अपनी सहयोगी मीडियाकर्मियों से सवालों का जवाब देने में निकल जाता होगा, ऐसे में कितना अच्छा और तथ्यपरक काम कर पा रहे होंगे ?
प्रेस कॉन्फ्रेंस कवर करने गया रिपोर्टर जैसे ख़ुद ही अपने सहयोगियों के बीच प्रेस कॉन्फ्रेंस करने लग जा रहे हों. चौतरफा राजस्व उगाहने की कोशिश में लगा कारोबारी मीडिया इसा तरह दूसरे कई मीडियाकर्मियों के लिए काम के अवसर को कम या ख़त्म करने इसी तरह एक-दो से ही साम चलाने और उन्हें निचोड़ने का काम करता है. उसने इसके लिए ऐसे शब्द भी गढ़ लिए हैं जो कि काग़जी तौर पर उसे ऐसा करने की छूट देता है.