रामजी तिवारी/ मुझे इण्डिया टी वी से प्यार है । उनके कार्यक्रमों "कद्दू में हनुमान" और "तीन बार क्यों रोये सलमान" का मैं पुराना फैन रहा हूँ । "गाय का दूध पीते है एलियन" और "लाल किले का लाल भूत" जैसी कई मास्टरपीस प्रस्तुतियां मेरे जेहन में अब भी बसी हुयी हैं ।
उन्होंने जिस तरह की दरियादिली प्रदर्शित करते हुए पिछले लगभग दो दशक से "आप की अदालत" बैठायी है, वह टेलीवीजन के टाक शो में मील का टीला है । कई बार तो मैं यहाँ तक सोचता हूँ कि यदि उनके कार्यक्रम में किसी दिन 'हाफ़िज सईद' या 'बगदादी' आ जाएं तो क्या वे लोग भी बाईज्जत बरी नहीं हो जाएंगे । हो सकते हैं । उनका मन दरियाव है, वह हर किसी पर उमड़ता है ।
बाकि मास्टरस्ट्रोक की क्या विसात ...? दाल में कंकड़ । अच्छा हुआ जो निकल गया । हर रोज चुभता रहता था । अब बस "गाडफादर-3" फिल्म की तरह एक काँटा सीने से और निकल जाए तो यह टेलीविजन की दुनिया भी हिंदी अखबारों जैसी पवित्र हो जाए ।
आमीन ..... ।