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हिन्दी विकास के लिए व्यवस्थित योजना जरूरी

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में ‘गांधी, हिन्दी और अफ्रीका’ विषय पर व्याख्यान

भोपाल, 2 अक्टूबर। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृजकिशोर कुठियाला का कहना है कि हिन्दी के विकास के लिए एक व्यवस्थित योजना और लक्ष्य तय करने होंगे। इस लक्ष्य को पेशेवर विपणन रणनीति के जरिए ही हासिल किया जा सकता है। दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित नवें अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन में भाग लेकर भोपाल लौटे प्रो. कुठियाला विश्वविद्यालय परिवार के साथ अपनी यात्रा के अनुभवों को साझा कर रहे थे। ‘गांधी, हिन्दी और अफ्रीका’ विषय पर आयोजित इस व्याख्यान का आयोजन इलेक्ट्रानिक मीडिया विभाग ने किया था।

प्रो. कुठियाला ने कहा कि हिन्दी के विकास में बाधा उसकी कट्टरता है। अगर ‘हम हिन्दी ही’ की जगह ’हिन्दी भी’ का रवैया अपना लें और उसका अन्य भारतीय भाषाओं के साथ बड़ी बहन की जगह बहनापा बने तो वह अपने विकास में खुद सक्षम है और उसको किसी की मदद की जरुरत नहीं है। उन्होंने सम्मेलन के नौ सत्रों में हुई चर्चा का सार संक्षेप और पारित किये गये प्रस्तावों तथा बहस के प्रमुख बिन्दुओं के बारे में भी चर्चा की। हिंदी सम्मेलन में ‘लोकतंत्र और मीडिया की भाषा के रुप में हिन्दी’ के सत्र में वक्ता के रुप में श्री कुठियाला ने सम्मेलन में लोकतंत्र, मीडिया और हिन्दी पर बुनियादी सवाल उठाए। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि आखिर आज कम्प्यूटर पर हिन्दी में ‘वर्तनी जांचने’ और ‘सर्च इंजन ’ बनाने का काम क्यों नहीं हो सका।

अपने वक्तव्य में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के समाज, मीडिया और कानून व्यवस्था पर भी रोशनी डाली। कई देशों की यात्रा कर चुके प्रो. कुठियाला ने कहा कि दक्षिण अफीका के आदमी में एक संतोष दिखता है जो अन्य देशों में दुर्लभ है।उन्होंने भारतीय परिवेश के साथ ही वहां के अनुभवों की रोचक तुलना की। कार्यक्रम का संचालन इलेक्ट्रानिक मीडिया विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. आशीष जोशी ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव प्रो. रामदेव भारद्वाज, विभागाध्यक्षगण सर्वश्री संजय द्विवेदी, पुष्पेंद्रपाल सिंह,ड़ा. पवित्र श्रीवास्तव, डा. पी शशिकला सहित अनेक शिक्षक, अधिकारी और विद्यार्थी मौजूद थे। अंत में आभार प्रदर्शन प्रदीप डहेरिया ने किया।

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सम्पादक

डॉ. लीना